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Tuesday, May 18, 2010

How to Download Torrent Movie using Torrentz.com & BitTorrent S/W

Download Procedure -

1) goto http://torrentz.com/
2) search your movie, you will get plenty of torrents of the same
3) the torrents with following symbol are verified and correct other may be fake or bad quality:

if you want all the verified only torrents, click on 'verified' located above the torrents list
4) Now, choose and click one of the torrents you want to download
5) You will get an another list of the site serving the torrent like -
thepiratebay.org
btjunkie.org
torrenthound.com etc.
Choose and click one of them (prefer thepiratebay.org) if working
6) Then you will have a page having Comments about the quality and the actual download link of torrent like following -

Download Torrent

Download this file (it will be in .torrent format and just 15-30 kb

7) Now open this file with the software BitTorrent using Open With... function.

Wednesday, May 05, 2010

मेरी कहानी


दोस्तों ,
                आपका  स्वागत  है  मेरे  ब्लॉग  में | मैं  इसबार  आपको  बताने  जा  रहा  हूँ  मेरे  NPTN  की  कहानी , मेरे  डिप्लोमा  की  कहानी , मेरे  तीन साल  की  कहानी | तो   गौर से  सुनियेगा  मैं  ब्लॉग  पे  सुनाता  हूँ |
       बात  सन  २००७  के  ग्रीष्मकालीन  छुट्टियों  की  है , मैं  SSC की एक्साम्स  देकर  आराम  फरमा  रहा  था  तो सोच  में  डूबा  था  की  "मुझे  Future में  क्या  बनना  है ?". मेरे  सब  दोस्तोंने  पहले  से  सोच  रखा  था की  करेंगे  क्या  वही  रास्ता  अपनाएंगे  जो  ज्यादातर  लोगों  ने  अपनाया  है , याने  की  वो  11th में  admission  लेके , HSC कर  के , PMT(Pre-Medical-Test) या  PET(Pre-Engineering-Test) देना  चाहते  थे | पर  मैं  कुछ  अलग  था , मुझे  वही  बोरिंग  Physics, Chemistry और  Biology जैसे  Subjects  से सख्त  नफरत  हो  चुकी  थी | पर  सोच  रहा  था  की  यही  subjects   छोड़  दूंगा , तो  पढूंगा  क्या  History, Geography | इसी  विचार  में  मेरी बहुत  सी छुट्टियां  निकल  गयी | मैं  सोच  रहा  था  की  मुझे  क्या  करना  चाहिए ? क्या  बनना  चाहिए ? आखिर  यही  तो  वक़्त  होता  है  सोचने  का |
                मैंने  सोचा  की  वैसे  भी  नहीं  तो  भी  11th,12th में  admission लेके , वही  पकेले  subject पढ़-पढ़  के , practicals  कर-कर  के  बोर  हो  जाऊँगा | आगे  जाकर   तो  मुझे  कंप्यूटर  इंजीनियरिंग  याने  बी .इ . ही  करना  है . तो  क्यूँ    यहीं  के  लोकल  N.P.T.N. में  admission लेके  कंप्यूटर  के  subjects में  ही  सर  खपाया जाए | वैसे  तब , मुझे  लग  रहा  था  की  मैं  कंप्यूटर  में  बहुत  intelligent   हूँ , शायद  ही  कोई  और  उस  कॉलेज  में  मेरी  intelligency को  मात  दे  पाए , और  मेरा  हरदम  पहला  नंबर  आएगा | पर  दोस्तों , सचाई  ठीक  इस्सके  उलट  थी , वहां  पे  सिर्फ  कंप्यूटर  ओपरेटर की  पढाई  नहीं  बल्कि  कंप्यूटर  इंजीनियरिंग  की  पढाई  होनी  थी |
                मैंने  सोचा  की  वैसे  भी  नहीं  तो  भी  11th,12th में  admission लेके , वही  पकेले  subject पढ़-पढ़  के , practicals  कर-कर  के  बोर  हो  जाऊँगा | आगे  जाकर   तो  मुझे  कंप्यूटर  इंजीनियरिंग  याने  बी . . ही  करना  है . तो  क्यूँ    यहीं  के  लोकल  N.P.T.N. में  admission लेके  कंप्यूटर  के  subjects में  ही  सर  खपाया जाए | वैसे  तब , मुझे  लग  रहा  था  की  मैं  कंप्यूटर  में  बहुत  intelligent   हूँ , शायद  ही  कोई  और  उस  कॉलेज  में  मेरी  intelligency को  मात  दे  पाए , और  मेरा  हरदम  पहला  नंबर  आएगा | पर  दोस्तों , सचाई  ठीक  इस्सके  उलट  थी , वहां  पे  सिर्फ  कंप्यूटर  ओपरेटर   की  पढाई  नहीं  बल्कि  कंप्यूटर  इंजीनियरिंग  की  पढाई  होनी  थी |
 First Semester =>
डिप्लोमा  का  First Semester तो  कंप्यूटर  फिल्ड  समझने  में , नए  दोस्त  बनाने  और  मेरी  समझ  को  झुठलाने  में  ही  गुजर  गया | मैंने  सोचा  था  की ,  Biology|Physics|Chemistry subjects को  मैं पीछे  छोड़  आया  हूँ | पर  यह  क्या  यहाँ  मैंने  पाया  की  1st Sem. में   यह  subjects  कम्पलसरी  है | वैसे  मेरे  काफी  दोस्तों  ने  इस  का  इलाज़  याने  की  'Tution " ढून्ढ  लिया  था | पर  मैं  सोचता  था  की  SSC तक  इतनी   सारे  tuitions लगा  कर  में  थक  चूका  हूँ  और  वैसे  भी  कॉलेज  के  lectures और  घर  पर  पढाई  कर  के  मैं  अच्छा  स्कोर कर सकता  हूँ  | यही  सोच  के  मैंने , Basic Chemistry, Basic Physics, और  Basic Maths की  tuition लगाना  ज़रूरी  नहीं  समझा | पर  अफ़सोस   , मैं  गलत  था , कॉलेज  में  इतना  कम  syllabus हुआ , और  जो  हुआ  उसमें   भी  कुछ  समझ  नहीं  आया , की  मुझे  1st Semester के  low results देखकर  इसका  अंजाम  बुघतना  पड़ा | वैसे , मैंने  half-sem होने  के  बाद  maths  की  tuiton लगा  ली  थी |



सकारात्मक पहलु:
  •  नए  दोस्त  बनाये
  •   कंप्यूटर  ओपरेट  करना  और  कंप्यूटर  इंजिनियर  बनना , इन  दो  चीजों  में  बहुत  फर्क  होता  है  यह
      जाना
  •   Basic Physics (34/80) और  Basic Chemistry (30/80) में  बाल - बाल  बचा . कम से कम 28/80 चाहिए  थे    


नकारात्मक पहलु:
  • पुराने  कई  दोस्त  खोये 
  • Percentage  कम  (69.68%) आने  की  वजह  से  निराश




                पापा  का  नाम  -


                                एक  किस्सा  first semester का मैं  आपको  ज़रूर  सुनाना  चाहूँगा | पहला  ही  दिन  था  कॉलेज  में  पढाई  शुरू  होने  का , Physics के  सर  आये  और  उन्होंने  सब  का  introduction  लिया | उन्होंने  कुछ  सिखाने  की  लिए , ब्लैकबोर्ड  पे  कुछ  लिखना  शुरू  किया | पहला  दिन  होने  की  वजह  से  मैं  और  बाकी  सब  मस्ती के  मूड  में  थे , और  तो  और  मुझे  बोर्ड  पे लिखा हुआ  सर  की  वजह  से  दिखाई  नहीं  दे  रहा  था , इस वजह  से  मैंने  लिखना  मुनासिब  नहीं  समझा | और मैंने  दोस्तों के साथ  बातें  करना  शुरू  कर  दिया | फर्स्ट  डेस्क  पर ही  बैठा  होने  की  वजह  से , यह  सर  की  कानों  में  पड़ी , और  पहले  ही  दिन, अपनी  Strictness बताने  की  लिए, मुझे  और मेरे  एक  दोस्त  मनीष  को  क्लास  के  बहार  कर  दिया गया | कुछ  देर  गुजरी , एक  टॉपिक ख़त्म  होने  के  बाद  सर  बहार  आये  और नाम  पूछ  के  प्रिंसिपल  सर  के  पास  पहुंचे | Principal  sir  मेरे  पापा  को  जानते  थे , दरअसल  मेरे  पापा  Municipal Council में  इंजिनियर  है , और  N.P.T.N. भी  Municipal Council के  अंडर  में  आता  है  | कुछ ही  देर  में  Physics के  सर  वापस  आये  और  कहा  "आगे से  ध्यान  रखना  क्लास  में  , होंगे  तेरे  पिताजी  इंजिनियर  नगर  परिषद्  में " |
                                तो  यह  था  मेरा  पहला  दिन  NPTN में | यह  बात  मुझे  आज  भी  याद  है  (ofcourse तभी तो लिख रहा हूँ) और  आज  भी  यह  बात  याद  कर  मैं  अपने  आप  पर  हँस   देता  हूँ ||



to be continued . . .